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पाकिस्तान: इमरान ख़ान की मौत की अफ़वाह, परिजनों की चिंता के बीच जेल प्रशासन बोला- वे पूरी तरह स्वस्थ

02 December 2025
पाकिस्तान: इमरान ख़ान की मौत की अफ़वाह, परिजनों की चिंता के बीच जेल प्रशासन बोला- वे पूरी तरह स्वस्थ
मुख्य बातें:
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के मौत की अफ़वाहों के बीच बेटे क़ासिम ख़ान ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया है कि उनके पिता को छह हफ़्तों से एकांत कारावास में रखा गया है और परिवार को उनकी कोई ख़बर नहीं दी जा रही है. साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदायों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.

नई दिल्ली: दो साल से अधिक समय से जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) प्रमुख इमरान ख़ान के ठिकाने और सेहत को लेकर संशय लगातार गहराता जा रहा है. बीते कुछ दिनों से उनके जेल में निधन की अफ़वाहें फैल रही हैं.

अफ़ग़ानिस्तान टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि ‘विश्वसनीय सूत्रों ने बताया है कि पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की अडियाला जेल में हत्या कर दी गई है.’ रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इमरान ख़ान का शव जेल से बाहर ले जाया गया है. इसके बाद से ये अफवाहें फैलने लगीं. 

हालांकि, आधिकारिक पाकिस्तानी सूत्रों ने इस दावे का खंडन किया है.

इस बीच, इमरान ख़ान के बेटे क़ासिम ख़ान की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने इन अफ़वाहों को और तेज कर दिया है.

क़ासिम ने आरोप लगाया कि उनके पिता को छह हफ़्तों से अडियाला जेल में एकांत कारावास में रखा गया है और परिवार को उनकी कोई ख़बर नहीं दी जा रही है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदायों से तत्काल हस्तक्षेप कर अपने पिता के ज़िंदा होने के सबूत और रिहाई की मांग करने की अपील की.

उन्होंने गुरुवार (27 नवंबर) की रात एक्स पर लिखा, ‘मेरे पिता को गिरफ्तार हुए 845 दिन हो चुके हैं. पिछले छह हफ़्तों से उन्हें एक डेथ सेल में अकेले रखा गया है, बिना किसी पारदर्शिता के. अदालत के आदेशों के बावजूद उनकी बहनों को मुलाक़ात की अनुमति नहीं दी गई. कोई फोन कॉल नहीं, कोई मुलाक़ात नहीं, और उनके ज़िंदा होने का कोई सबूत नहीं है. मैं और मेरा भाई पिछले कई हफ़्तों से अपने पिता से कोई संपर्क नहीं कर पाए हैं. यह पूरी तरह से सुनियोजित ‘ब्लैकआउट’ है, ताकि उनके हालात को छिपाया जा सके और हमारे परिवार को उनकी सुरक्षा के बारे में अंधेरे में रखा जा सके.

पाकिस्तानी सरकार और उसके हैंडलर्स को मेरे पिता की सुरक्षा और इस अमानवीय एकांत कारावास के हर नतीजे के लिए कानूनी, नैतिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा. मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय, वैश्विक मानवाधिकार संगठनों और हर लोकतांत्रिक आवाज़ से अपील करता हूं कि तुरंत हस्तक्षेप करें.. उनके ज़िंदा होने का सबूत मांगे, अदालत द्वारा आदेशित पहुंच को सुनिश्चित करें, इस अमानवीय एकांत कारावास को समाप्त करें और पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय राजनीतिक नेता की रिहाई की मांग करें, जिन्हें केवल राजनीतिक कारणों से बंद रखा गया है.’

 

वहीं गुरुवार को पीटीआई पार्टी ने भी अपने बयान में कहा कि उन्हें अपने नेता की सेहत को लेकर गंभीर चिंता है, क्योंकि इमरान ख़ान को पिछले तीन हफ़्तों से परिवार और वकीलों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई है.

पार्टी प्रवक्ता ज़ुल्फ़िकार बुख़ारी ने बताया कि ‘4 नवंबर के बाद से किसी ने भी इमरान ख़ान को नहीं देखा है. किसी तरह का कारण नहीं बताया गया कि उन्हें परिवार या वकीलों से मिलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है. एक पूर्व प्रधानमंत्री होने के बावजूद उन्हें मुलाक़ात और चिकित्सकीय सहायता से वंचित रखा जा रहा है.’ 

बुख़ारी ने रॉयटर्स से कहा, ‘उनकी सेहत हमारे लिए चिंता का विषय है. हमें उनके ग़ैरक़ानूनी तौर पर एकाकी किए जाने की चिंता है. सरकार को तुरंत उनके परिवार को उनसे मिलने की अनुमति देनी चाहिए.’

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से पार्टी कार्यकर्ता और इमरान ख़ान के परिवार के सदस्य रावलपिंडी स्थित अडियाला जेल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. बुख़ारी के मुताबिक़, गुरुवार को पीटीआई के एक प्रतिनिधिमंडल ने जेल जाकर उनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन जेल प्रशासन ने फिर से मिलने की अनुमति नहीं दी.

पार्टी ने कहा कि जेल के नियमों के तहत कैदी को हफ़्ते में कम से कम एक बार बाहरी व्यक्तियों से मिलने की अनुमति होती है, लेकिन कई बार ऐसा हुआ है जब इमरान ख़ान को हफ़्तों तक किसी से मिलने नहीं दिया गया.

इमरान ख़ान की बहनों ने पुलिस पर मारपीट के आरोप लगाए

इस बीच, इमरान ख़ान की बहनों- नूरीन नियाज़ी, अलीमा ख़ान और डॉ. उज़मा ख़ान ने आरोप लगाया है कि पिछले हफ़्ते जब वे जेल के बाहर प्रदर्शन कर रही थीं, तब पुलिस ने उनके साथ मारपीट की. उन्होंने पंजाब पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर को लिखे पत्र में इस हमले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक़, यह घटना तब हुई जब इमरान ख़ान की बहनें और पार्टी के अन्य सदस्य उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताते हुए जेल के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे.

नूरीन नियाज़ी ने पत्र में लिखा, ‘हमने किसी सड़क को नहीं रोका, न ही किसी सार्वजनिक आवाजाही में बाधा डाली. इसके बावजूद बिना किसी चेतावनी के इलाके की स्ट्रीट लाइट्स बंद कर दी गईं और अंधेरे में पंजाब पुलिस ने हमारे ऊपर संगठित तरीके से हमला किया.’ 

उन्होंने कहा, ‘71 साल की उम्र में मुझे बालों से खींचकर ज़मीन पर गिराया गया और सड़क पर घसीटा गया, जिससे मुझे गंभीर चोटें आईं.’ नियाज़ी ने आरोप लगाया कि अन्य महिलाओं को भी थप्पड़ मारे गए और घसीटा गया. उन्होंने कहा, ‘पुलिस का यह बर्ताव पिछले तीन वर्षों से शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बल प्रयोग की व्यापक प्रवृत्ति को दिखाता है.’ 

इमरान ख़ान की बहनों ने मांग की है कि इस ‘क्रूर हमले’ में शामिल सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक तत्काल कार्रवाई करें.

ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के संस्थापक इमरान ख़ान अगस्त 2023 से कई मामलों में जेल में बंद हैं.

‘इमरान ख़ान पूरी तरह स्वस्थ हैं’

इस बीच, अडियाला जेल प्रशासन ने बुधवार को इन अफ़वाहों को ‘बेबुनियाद’ बताते हुए कहा कि इमरान ख़ान पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें जेल में पूरी चिकित्सकीय सुविधा दी जा रही है.

रावलपिंडी जेल अधिकारियों ने जियो न्यूज को बताया, ‘इमरान ख़ान के जेल से बाहर भेजे जाने की खबरें झूठी हैं. वे पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें आवश्यक सभी चिकित्सकीय देखभाल मिल रही है.’

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