खोजें

हमारे भारत में

ओडिशा: विपक्ष ने बंगालियों पर भीड़ के हमलों की निंदा की, भाजपा सरकार पर मिलीभगत का आरोप लगाया

01 December 2025
ओडिशा:  विपक्ष ने बंगालियों पर भीड़ के हमलों की निंदा की, भाजपा सरकार पर मिलीभगत का आरोप लगाया
मुख्य बातें:
ओडिशा में बीजू जनता दल और कांग्रेस ने ने राज्य में बांग्ला बोलने वालों पर भीड़ के हमलों की निंदा करते हुए सत्तारूढ़ भाजपा पर इसमें मिलीभगत होने का आरोप लगाया है. वहीं, भाजपा ने कहा कि बांग्लादेशियों की पहचान करके उन्हें ओडिशा से बाहर निकाला जाना चाहिए.

नई दिल्ली: ओडिशा में विपक्ष ने राज्य में बांग्ला बोलने वालों पर भीड़ के हमलों, जो शायद बांग्लादेशी होने के शक में किए गए थे, की निंदा की है और सत्तारूढ़ भाजपा पर इसमें मिलीभगत का आरोप लगाया है.

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस ने कहा है कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. वहीं, भाजपा ने कहा कि बांग्लादेशियों की पहचान करके उन्हें ओडिशा से बाहर निकाला जाना चाहिए.

मुर्शिदाबाद के 24 वर्षीय राहुल इस्लाम गरम कपड़े बेचते हैं.  उनका आरोप है कि 24 नवंबर को ओडिशा के गंजम जिले में भीड़ ने उन्हें बांग्लादेशी कहकर पीटा, क्योंकि उन्होंने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने से मना कर दिया था. जब भीड़ ने उन्हें जला देने की धमकी दी, तो राहुल ने आखिरकार उनकी बात मान ली.

उनका कहना है कि बंगाल के उनके दो साथी गरम कपड़े बेचने वालों को भी 25 और 26 नवंबर को ओडिशा में भीड़ ने पीटा था.

बीजू जनता दल के प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने कहा, ‘ओडिशा में गैर-कानूनी तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को सही प्रोटोकॉल के हिसाब से उनके देश वापस भेज देना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘हालांकि, यह ओडिशा और बंगाल (सरकारों) दोनों का दायित्व है कि वे एक साथ बैठकर गैर-कानूनी बांग्लादेशियों के मुद्दे को सुलझाएं. कानून को अपना काम करने दें, लेकिन जो लोग भारतीय हैं और जिनके पास सही पहचान (दस्तावेज) हैं, उनके खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा हमारे संविधान में बताए गए आदर्शों का अपमान है.’

उल्लेखनीय है किओडिशा में बंगाल से आए मुस्लिम व्यापारियों और प्रवासी श्रमिकों को कई बार पुलिस हिरासत में लिया गया था– इस साल उन पर भीड़ के हमले भी हुए हैं,  हालांकि उन्होंने बाद में असली पहचान के कागज़ात दिखाए.

मोहंती ने दोनों राज्यों से ‘आपसी संयम’ बरतने की अपील की ताकि हिंसा न भड़के. उन्होंने जोड़ा, ‘मुख्यमंत्रियों के अलावा दोनों राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को एक प्रोटोकॉल तय करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसे लागू किया जाए.’

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ‘ऐसी घटनाएं हमारे राज्य में पहले नहीं होती थीं.’, और उन्होंने परोक्ष रूप से पिछले साल ओडिशा में सत्ता में आई भाजपा की ओर इशारा किया.

अन्य दलों ने भी की आलोचना

वहीं, वरिष्ठ माकपा नेता जनार्दन पति ने भाजपा-आरएसएस के बैनर तले असामाजिक तत्वों द्वारा कपड़ा विक्रेता पर किए गए हमले की निंदा की. उन्होंने कहा, ‘ओडिशा में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ये तत्व पुलिस और राज्य के समर्थन से सक्रिय हो गए हैं.’

उन्होंने कहा, ‘पुलिस कार्रवाई करने के बजाय उन अपराधियों का समर्थन या बचाव कर रही है… जो अपनी रोज़ी-रोटी कमाने के लिए संघर्ष कर रहे गरीब और बेगुनाह अल्पसंख्यकों पर हमला कर रहे हैं.’

उधर, राज्य कांग्रेस प्रवक्ता अमिय पांडव ने ‘निर्दोष विक्रेताओं’ पर ‘गुंडागर्दी के शर्मनाक कृत्य’ की निंदा की. उन्होंने कहा, ‘ये स्वयंभू राष्ट्रभक्त बांग्लादेशी और बांग्लाभाषी के बीच न्यूनतम अंतर नहीं जानते हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसी घटनाओं से पड़ोसी राज्यों के साथ हमारे रिश्ते खराब होंगे और राज्य के बाहर रहने वाले हमारे अपने लोगों पर भी बुरा असर पड़ेगा.’

उधर, राज्य भाजपा उपाध्यक्ष गोलक महापात्रा ने कहा, ‘किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए… लेकिन जो लोग कानून का पालन करने की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, उन्होंने खुद ऐसा नहीं किया है. अगर उन्होंने बांग्लादेशी प्रवासियों के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया होता, तो ऐसी घटनाएं नहीं होतीं.’

उन्होंने कहा, ‘बंगाल से यहां काम करने के लिए आने वाले श्रमिकों से किसी को कोई दिक्कत नहीं है. वे दुर्गा पूजा के दौरान आते हैं. लेकिन हमें बांग्लादेशियों से दिक्कत है जो (भारतीय) बंगाली बनकर आते हैं. उनके पास नकली आईडी कार्ड होते हैं. इसका खुलासा होना चाहिए. कभी-कभी, अनहोनी घटनाएं होती हैं.’

अपनी राय दें